सोलन : यूनेस्को की विश्व धरोहर में शुमार कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर सफर करने वाले सैलानियों को जल्द ही शीशे की छत से प्राकृतिक नजारे नजर आएंगे। देश-विदेश के पर्यटकों को अगले सप्ताह तक विस्टा डोम कोच निहार की सुविधा मिलने वाली है। इस पारदर्शी कोच में बैठकर पर्यटक कालका से शिमला 96 किमी लंबे इस ट्रैक पर आने वाली वादियों को चारों ओर से निहार सकेंगे। डोम कोच के साथ ट्रेन का ट्रायल रविवार को पूरा हो गया। शनिवार को भी कालका से शिमला तक का ट्रायल सफल रहा था। यह सुविधा सैलानियों के लिए एक खूबसूरत यादगार बनेगी।

विस्टा डोम कोच : भीतरी दृश्य
यह होगी कोच की खासियत
इस कोच में ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे। साथ ही कांच की छत, एल.ई.डी. रोशनी, रोटरी सीटें, जी.पी.एस. आधारित सूचना प्रणाली व अन्य सुविधाओं होंगी। इस विस्टा डोम डिब्बे की छत शीशे से बनाई है ताकि बाहर के प्राकृतिक दृश्यों का सभी तरफ से अवलोकन किया जा सके एवं प्रकृति का समीप से आनंद लिया जा सके। इसमें लकड़ी का इस्तेमाल भी किया गया है। बड़ी खिड़कियों और शीशे की छत से चारों ओर का नजारा सीट पर बैठे ही देखा जा सकेगा। कोच में दो एसी लगे हैं। कोच की छत 12 एमएम शीशे की बनाई गई है। दरवाजों और खिड़कियों पर कठोर शीशे का इस्तेमाल किया गया है। दरवाजों पर स्टील की रेलिंग को भी लगाई गई है। ट्रेन के बाकी कोच भी इसी तरह के होंगे। उनका डिजाइन कुछ अलग होगा।
भारत में 2017 में चली थी इस तरह की पहली ट्रेन
रेलवे ने सितंबर 2017 में मुंबई-गोवा रूट पर चलने वाली दादर-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस में पारदर्शी विस्टाडोम कोच लगाए थे। इस विशेष कोच में कांच की छत, रोटेटेबल कुर्सियां, हैंगिंग एलसीडी लगाई गई थी।
रेल मंत्री ने की अधिकारियों से चर्चा

रेल मंत्री का टवीट
इस विशेष कोच को तैयार करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने हिमाचल के दौरे के दौरान रेलवे को निर्देश दिए थे। दरअसल, इससे पहले 23 जून 2018 को खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल खुद शिमला आए थे और उन्होंने शिमला के स्टीम लोकोमोटिव की यात्रा कर इसके हेरिटेज स्टेटस को बनाए रखने, गति बढ़ाने पर रेलवे अधिकारियों से चर्चा की थी। साथ ही रेल मंत्री ने इस टॉय ट्रेन में विस्टाडोम कोच यानी पारदर्शी छत और बड़ी खिड़कियों वाला कोच लगाये जाने की संभावनाओं पर भी अधिकारियों से चर्चा की थी ताकि इसे पर्यटन के लिहाज से और बेहतर बनाया जा सके। इसके लिए रेल मंत्री ने टवीट भी किया थाl
'पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से विशेष ट्रांसपेरेंट कोच तैयार किया यह स्पेशल कोच अपनी तरह का पहला सवारी कोच है और अगले सप्ताह तक इस कोच को रेगुलर चलाने की योजना है।'
दिनेश कुमार चंद्र
डीआरएम - अंबाला रेलवे डिविजन