हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में इंटरनेट बैंकिक शुरू
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (एचपीएससीबी) द्वारा आज यहां आयोजित स्पार्क-2023 कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के नए लोगो का अनावरण किया। इसके अलावा उन्होंने बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा और नई वेबसाइट का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बैंक का विजन डाक्यूमेंट भी जारी किया।
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जानिए हिमाचल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए क्या है प्रदेश सरकार के प्लान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को निवेश का मुख्य गंतव्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में एक समर्पित निवेश प्रोत्साहन एवं सुगमता ब्यूरो का गठन किया जाएगा। इस ब्यूरो के माध्यम से सभी स्वीकृतियां समयबद्ध ढंग से प्रदान की जाएंगी, जिससे राज्य में निवेश की गति को और बढ़ावा मिलेगा।
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अब फ्लिपकार्ट पर बिकेंगे हिमाचल के हस्तशिल्प उत्पाद
राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री और इन उत्पादों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में निगम और फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स कम्पनी के मध्य एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।
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ईटी-नाऊ के प्रतिष्ठित अवार्ड से नवाजे एसजेवीएनएल के नंदलाल शर्मा व गीता कपूर
सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के दो अधिकारी ईटी-नाऊ के अवार्ड से नवाज़े गए। एसजेवीएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा को प्रतिष्ठित ईटी-नाऊ सीईओ विद एचआर ओरिएंटेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है जबकि निदेशक कार्मिक गीता कपूर को ईटी-नाऊ वूमेन सुपर अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
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जानिए मोदी सरकार को जी एस टी से क्यों लगा करारा झटका
केंद्र की ओर से राज्यों को दिया जाने वाला माल एवं सेवा कर (GST) मुआवजा अगस्त-सितंबर की अवधि में घटकर 11,900 करोड़ रुपए रह गया है। इससे पहले द्वैमासिक जीएसटी मुआवजा जून-जुलाई की अवधि में 14,930 करोड़ रुपये था। राज्यों को अप्रैल-मई में जीएसटी मुआवजे के रूप में 3,899 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। आईजीएसटी कोष के नियमित और तदर्थ निपटान के बाद अगस्त-सितंबर के दौरान जीएसटी मुआवजा कोष से राज्यों को 11,900 करोड़ रुपए जारी किए गए।
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जंगी-थोपन बिजली परियोजना: सरकार और एसजेवीएन के बीच अगले माह होगा एमओयू
780 मेगावाट की क्षमता वाली जंगी-थोपन बिजली परियोजना का निर्माण कार्यशुरू करने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सरकार और एसजेवीएन के मध्य अगले महीने एमओयू हस्ताक्षर होना है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन से टाइम लाइन मांगी है। इसमें यह पूछा गया है कि निर्माण कार्य कब से शुरू होगा और परियोजना कब तक पूरी होगी। इसके साथ-साथ सभी औपचारिकताओं की भी टाइम लाइन मांगी है।
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सौर ऊर्जा की इन परियोजनाओं को लगा सकते हैं आप भी, जानिए क्या है शर्तें ?
हिमाचल प्रदेश में 20 मैगावाट सौर ऊर्जा के दोहन हेतु हिम उर्जा द्वारा एक योजना को तैयार किया गया है जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा भी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना को शीघ्र ही अधिसूचित किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत कम से कम 250 किलोवाट और अधिकतम 500 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएंगी।
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