हिंदी ENGLISH Wednesday, September 27, 2023
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कविता
शब्द

हमारे शब्दों के न हाथ हैं न पांव,

कुछ शब्द दवा करें, तो कुछ करें घाव।

नन्ही सी परी

एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी,

यह सच है कि मेहमान हैं बेटी,

उस घर की पहचान बनने चली,

जिस घर से अनजान हैं बेटी।

बेटी हूं हिन्दुस्तान की

बेटी हूं हिन्दुस्तान की, सब पर मैं भारी हूं।

भारतवर्ष है जान मेरी, समाज की जिम्मेदारी हूं॥

युद्ध के दोहे

शत्रु पर न करें कभी, आप पूर्ण विश्वास। बदले की मिटती नहीं, कभी अधूरी प्यास।।