हिमाचल मे बिजली के उपभोक्ताओं को जल्द ही स्मार्ट बिजली के मीटर की सुविधा मिल जाएगी। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा तथा वन राम सुभग सिंह के साथ बैठक के दौरान लाॅकडाउन के उपरांत गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने की रणनीतियों तथा ऊर्जा से संबंधित मामलों पर चर्चा की। राज्यपाल ने मीटर रीडिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उपभोक्ताओं को स्मार्ट बिजली के मीटर की सुविधा प्रदान करने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यपाल को बताया कि प्रदेश में लगभग 22 लाख बिजली उपभोक्ता हैं तथा राज्य सरकार पुराने बिजली के मीटरों के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगा रही है। प्रथम चरण में शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी में लगभग 1.50 लाख बिजली के मीटर बदले जाएंगे तथा यह प्रक्रिया एक साल के भीतर पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में दो-तीन वर्षों में सभी पुराने मीटर बदले जाएंगे, जिससे घर-घर जाकर मीटर रीडिंग की समस्या का समाधान होगा।
ये है स्मार्ट बिजली मीटर की खासियत
इस मीटर से बिजली की रीडिंग लेने के लिए परिषद कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की जरूरत नहीं होगी। परिषद कार्यालय से बिजली की खपत का पता चल सकेगा। जबकि, उपभोक्ता एक मोबाइल एप के जरिए अपने बिजली खपत की पूरी निगरानी कर सकता है। मोबाइल एप के जरिए उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेगा कि उसने अब तक कितनी बिजली की खपत की है। मोबाइल एप से यह भी पता चला चलेगा कि घर में बिजली से चलने वाले कितने उपकरण काम कर रहे हैं और उनमें कितनी बिजली की खपत हो रही है। इससे उपभोक्ताओं को ऐसे उपकरणों के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी, जो बिजली की ज्यादा खपत कर रहे हैं। ऐसे में उन उपकरणों को कम चलाकर बिल कम किया जा सकेगा।