मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति और जिला चम्बा के पांगी, भरमौर और किलाड़ क्षेत्र के जिला परिषद, पंचायत समिति अध्यक्ष और विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों के साथ आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जारी लाॅकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की समय अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित बना रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र कोविड-19 महामारी से सुरक्षित रहें। अधिकांश पंचायतें लोगों को इस बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने और घरों से बाहर निकलने पर फेस मास्क व फेस कवर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने का सराहनीय कार्य कर रहीं हैं।
जय राम ठाकुर ने इस संकटकाल में देश को 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधार पैकेज प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया जिसमें समाज के सभी वर्गों के कल्याण की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से हिमाचल प्रदेश को भी काफी लाभ होगा। मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है, जिससे निश्चित रूप से राज्य के इन क्षेत्रों में विकासात्मक बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन-4 ने हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है कि हम सभी को इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक गतिविधियों को पुनः आरंभ करना होगा। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने भी आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए कुछ छूट प्रदान करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कफ्र्यू में कुछ ढील प्रदान की है ताकि राज्य में आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में लाखों विद्यार्थी, श्रमिक व अन्य लोग फंसे हुए हैं जिनके कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। विभिन्न स्थानों से
उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है हालांकि इससे राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिमाचल प्रदेश के सभी लोगों को क्वारन्टीन में रखा जा रहा है। जांच के बाद नेगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जा रही है और वहां भी उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसी को भी होम क्वारन्टीन का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति क्वारन्टीन के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जाए, ताकि उल्लंघनकर्ता को संस्थागत क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित किया जा सके।