हिमाचल न्यूज : नाहन (सिरमौर)
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) का धौलाकुआं परिसर काष्ठकुणी शैली में बनाया जाएगा। परिसर का डिजाइन ब्रिटिशकाल में बनी इमारतों की तर्ज पर तैयार किया गया है।
PHOTO : IIM Dhaulakuan
पहले चरण में हॉस्टल सहित अध्ययन से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें 600 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता होगी। मेडिकल यूनिट अलग से होगी, जिसमें विद्यार्थियों के इलाज की सुविधा होगी। वर्तमान में यहां करीब 340 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 
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नाहन-पांवटा साहिब नेशनल हाईवे पर धौलाकुआं में आईआईएम के लिए लगभग 210 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। केंद्र ने आईआईएम के पहले चरण को 392.51 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। 
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आईआईएम हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2014 में प्रदान किया गया था। वर्ष 2015 से यह पांवटा साहिब में एक किराये के भवन में चल रहा है। तब से यह संस्थान तेजी से आगे बढ़कर एक प्रमुख संस्थान बनकर उभर रहा है।
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यह संस्थान सुन्दर व शांत भू-दृश्य और शांतिपूर्ण वातावरण में विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करेगा। प्रदेश के पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग, इको-टूरिजम आदि प्राकृतिक संभावनाओं के प्रभावी प्रबन्धन में यह संस्थान वरदान साबित होगा।
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आईआईएम धौलाकुआं का परिसर देश में बने अन्य आईआईएम परिसरों से अलग होगा। इसे हिमाचली रंग देने का प्रयास किया गया है। इस संस्थान के सम्पूर्ण परिसर का डिजाइन पारम्परिक हिमाचली शिल्प में तैयार किया है। भवनों के निर्माण में हिमाचल की काष्ठकुणी शैली का रूप दिया जाएगा। पूर्ण रूप से तैयार होने पर यह संस्थान न केवल अग्रणी शिक्षण संस्थान के रूप में उभरेगा बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र होगा।
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काष्ठकुणी शैली हिमाचल की प्रसिद्ध भवन निर्माण है। काष्ठ या काठ लकड़ी को कहते हैं और कुणी हिमाचली बोली का शब्द है जिसका अर्थ है कोना। भवन निर्माण की इस शैली में ईमारत के हर कोने को सिर्फ लकड़ी से ही बनाया जाता है। 
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आईआईएम के भवन ब्रिटिशकाल में बनने वाले बंगलों की तर्ज पर डिजाइन किए गए हैं। पहले चरण में हॉस्टल, स्टूडेंट एक्टिविटि कैंपस, फैकल्टी एंड स्टाफ रेजिडेंस, कम्यूनिटी सेंटर, अकादमिक ब्लॉक, कंप्यूटर सेंटर, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस सेंटर, एडमिनिस्ट्रेटिव कांप्लेक्स और मेडिकल यूनिट बनेगी।
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नाहन में यह संस्थान बनने से सिरमौर को नई पहचान मिलेगी। संस्थान बनने के बाद नाहन शिक्षा का हब बनेगा। आईआईएम टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी में पीएचडी देने वाला देश का पहला संस्थान है। देश के अन्य राज्यों में बनने आईआईएम में भी इस विषय में पीएचडी का प्रावधान नहीं है। परिसर का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी को दिया गया है। इसके टेंडर हो गए हैं। 
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हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की जयंती पर चार अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसकी ऑनलाइन आधारशिला रखी।
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केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह संस्थान प्रदेश के मेहनती युवाओं के कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस संस्थान को क्षेत्र का बेहतर संस्थान बनाने के लिए केन्द्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। संस्थान द्वारा शुरू किए गए पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए सहायक सिद्ध होंगे। बेहतर प्रबन्धन सफलता का मूल मंत्र है और यह संस्थान प्रदेश में उपलब्ध प्रतिभा के बेहतर प्रबन्धन में मददगार साबित होगा।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के ऊना में आईआईआईटी, बिलासपुर में एम्स, कांगड़ा में केन्द्रीय विश्वविद्यालय व निफ्ट जैसे राष्ट्रीय संस्थान होने का गौरव प्राप्त है। इससे हिमाचल देश का शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बनकर उभरा है।
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Posted By :Himachal News