हिमाचल न्यूज़ | कांग्रेस में भरमौर में पंचायत समिति चुनाव के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव हारने के बाद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भरमौर ने प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर से पूर्व कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ब्रह्मानंद ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर दास ठाकुर और यूथ कांग्रेस के महासचिव सुरजीत भरमौरी को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने इन तीनों पर बीडीसी चुनाव के दौरान अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया है। 15 सदस्य पंचायत समिति में नौ सदस्य कांग्रेस समर्थित बताए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस चुनाव 8-7 से हार गई। इस दौरान एक कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार कमलेश कुमार ने भाजपा की मदद से उपाध्यक्ष के पद पर कब्जा कर लिया।
चुनाव की प्रक्रिया के दौरान भाजपा ने कांग्रेस को चारों खाने चित करके बीडीसी की सरदारी को अपने पास बरकरार रखा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने आनन-फानन में एक प्रस्ताव पास करके इन तीनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने की सिफारिश प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर से कर दी है।
भरमौर विधानसभा कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाया है कि पूरे घटनाक्रम के दौरान इन तीनों ने भाजपा को मदद करके कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस पार्टी ने इन तीनों पर भीतरघात का आरोप लगाकर तीनों को तुरंत पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।
कांग्रेस ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष भजन ठाकुर ने बताया कि इन तीनों ने होली और चनहौता के पंचायत समिति सदस्य मदन लाल व कमलेश कुमार को अन्य सदस्यों से कभी मिलने नहीं दिया जिसके कारण कांग्रेस को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी गंवानी पड़ी।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष ब्रह्मानंद व वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर दास ठाकुर का कहना है कि उनके ऊपर ऐसे आरोप पहले भी कई बार लगाए जा चुके हैं, लेकिन इसमें कतई भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व उपरोक्त दोनों बीडीसी सदस्य उनके संपर्क में थे, लेकिन चुनाव के दौरान क्या घटना क्रम घटा इसके बारे में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है। उन्होंने भरमौर कांग्रेस कमेटी पर परिवारवाद और भाई भतीजावाद बढ़ाने का भी आरोप लगाया है।
पंचायत समिति चुनाव के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर कब्जा करा कर विधायक जिया लाल ने कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया है। समर्थन होने के बावजूद भी कांग्रेस की हुई। इस किरकिरी को भाजपा खूब भुनाने में जुटी है। वही कांग्रेस संगठन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की राह इतनी आसान भी नहीं है जितना सोचा जा रहा है। बहरहाल अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। कांग्रेश के लिए जहां एक चुनौती भरमौर में भाजपा से पार पाना है, वहीं भाजपा से ज्यादा अपनों को पार्टी में बरकरार रखना एक चुनौती माना जा रहा है।
Posted By : Himachal News