हिमाचल न्यूज़ | कृषि विभाग के अधिकारियों ने ऊना जिला के बसाल, चलोला, बडसाला सहित अन्य गावों में जाकर फाल आर्मी वर्म द्वारा मक्की की फसल पर किए गए आक्रमण का निरीक्षण किया।
कृषि उप-निदेशक डॉ. अतुल डोगरा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसानों को फाल आर्मी वर्म कीट की रोकथाम हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन के बारे में बताया कि फसल बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई कर नीम केक 10 किलोग्राम प्रति कनाल का प्रयोग करें ताकि इस कीट की वयस्क अवस्था को कम किया जा सके। रसायनिक खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें। इसके अलावा गहरे प्रकाश और शिकारी पक्षियों के लिए प्यूपा को उजागार करने के लिए खेतों में गहरी जुताई करें।
डॉ. अतुल डोगरा ने बताया कि मक्की के खेत में और आसपास वयस्क कीट गतिविधि की निगरानी के लिए रात के घंटों के दौरान प्रकाश ट्रैप एक प्रति हैक्टेयर का उपयोग करें। बुआई के बाद जल्द ही फेरोमोन्स ट्रैप 4 प्रति एकड़ स्थापित करें। यदि संक्रमण 10 प्रतिशत से अधिक है, तो कीट की रोकथाम हेतू इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी 8 ग्राम प्रति लीटर पानी प्रति कनाल के हिसाब से स्प्रे करें। बेसल खुराक के रूप में एनपीके की केवल अनुशंसित खुराक लागू करें। मक्की के खेतों के चारों ओर नैपियर घास की 3-4 पंक्तियां ट्रैप फसल के रूप में लगाएं। फाल आर्मी वर्म के अंड़ों व लार्वा का हाथों से विनाश करें।
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