हिमाचल न्यूज़ | ये सच है की हर साल नयी उम्मीदों को संजोये, नया साल आता है और गुज़िश्ता साल कुछ खट्टी मीठी यादें देकर चला जाता है। इसी तरह साल दर साल अच्छे - बुरे अनुभवों की पूंजी समेटते और सहेजते हुए हम अपना पूरा जीवन गुज़ार देते हैं। जीवन के साथ साल, महीनें, दिन, घंटे, मिनट, सेकंड और उससे भी सूक्ष्म पल - लम्हें जुड़े होते हैं।
सुख - दुःख की आंख मिचौनी के बीच कब हम बचपन की दहलीज पार करके जवानी में कदम रखते हैं और कब हम बेफ़िक्र बचपन और जवानी के दौर से निकलकर ज़िम्मेदारियों से भरे प्रौढावस्था में प्रवेश कर जाते हैं, पता ही नहीं चलता। साल के 52 रविवार और तमाम दूसरे त्योहारों की बदौलत मिलने वाले अवकाश के दिन भी हमारी मशरूफ ज़िन्दगी को आराम देने में नाकाफी ही साबित होते हैं। सच पूछिए तो "समय" वह अविरल नदी की धारा है, जिसके पास कहीं रुक कर विश्राम लेने का वक़्त ही नहीं है।
किताबों में लिखी बातों के आधार पर नहीं बल्कि अपने जीवन अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें कभी हिम्मत नही हारनी चाहिए….और पूरे मनोयोग से अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ते रहना चाहिए। ठीक वैसे ही जैसे पहाड़ों से निकली नदी रास्ते मे कभी किसी से नहीं पूछती कि समुन्दर कितना दूर है…।
इसलिए दोस्तों! हमें जितना भी वक़्त मिले जीवन में, उसके एक - एक लम्हें को भरपूर आनंद से गुज़ारना चाहिए। "जीवन है तो संघर्ष है "ये नहीं भूलना चाहिए।" मन का हो जाए तो अच्छा और न हो तो और भी अच्छा।" क्योंकि मन का होने में हमारी इच्छा और मन का न होने में ईश्वर की इच्छा शामिल होती है और ईश्वर की इच्छा के सामने हमारी निजी इच्छा की कोई बिसात नहीं।
यहां एक बात और कहना चाहूंगा कि ज़िन्दगी के जिन लम्हों ने हमारी आंखों को मोहक चमक से भर दिया, उन्हें अपने ज़हन में सहेज कर रख लें और जिन लम्हों ने दुःख और परेशानी की चेहरे की लकीरें खींची उन्हें विस्मृत कर दें। हमारे तीज- त्यौहार, खेल, बाजार, मेले, पर्यटन स्थल, जन्म दिन, वैवाहिक आयोजन, जीवन की तमाम छोटी - छोटी खुशियां, हंसी मज़ाक, ठिठोली और चुहलबाजियां हमारे जीवन की दूभरता को कम करने में अहम् रोल अदा करते हैं।
आने वाले दिनों में हम ऐसे हर अवसर को भरपूर आनंद और सम्पूर्णता के साथ जियेंगे... इस प्रण ध्येय के साथ आइये हम वर्ष 2023 का स्वागत करते हैं...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
Posted By : Himachal News