हिमाचल न्यूज़ | हिमाचल के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश में पहली बार है हिमाचल प्रदेश में एक मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री बनाए गए। हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में मंत्रिमंडल का गठन किया और यह गठन संसदीय क्षेत्र दृष्टि से असंतुलित है।
उन्होंने कहा कि सीपीएस और मंत्रियों की दृष्टि से कांगड़ा को पूरी तरह से दर किनार किया गया है। हिमाचल में 6 सीपीएस को सरकार ने क्यूं बनाया और इनकी क्या जरूरत आन पड़ी है यह समझ से परे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में शिमला संसदीय सीट से 5 मंत्री बनाए, जबकि कांगड़ा और मंडी संसदीय सीट से मात्र एक - एक मंत्री बनाया है, जिससे हिमाचल का क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ता है। मंडी और बिलासपुर जिले से ना तो कांग्रेस ने मंत्री बनाए ना सीपीएस।
सीपीएस बनाने से हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा है क्योंकि उनको एक प्रोटोकॉल भी देना पड़ेगा, अनेकों दफ्तर और मंत्री के दर्जे की सुविधाएं भी देनी पड़ेगी।
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उन्होंने कहा कि आसाम, मणिपुर और दिल्ली सरकार में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सीपीएस के विरोध में फैसला सुनाया था और आर्टिकल 164/1ए के आधार पर साफ लिखा है कि सीपीएस की नियुक्ति गलत है और जिस प्रकार से एक निर्धारित संख्या मंत्रियों के लिए आधारित की गई है, उसकी स्पिरिट को हानि पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि हमने जब अपनी सरकार 5 साल के लिए चलाई तो हमने एक भी सीपीएस नहीं बनाया यह हमने नैतिकता की दृष्टि से निर्णय लिया था।
हमें तो लगता है कि मंत्री और सीपीएस की नियुक्ति केवल कांग्रेस ने अपनी सरकार को बचाने के लिए की है, प्रदेश हित की कांग्रेस पार्टी को कोई चिंता नहीं है।
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Posted By : Himachal News