विनय शर्मा
राजनीति में औकात सत्ता के साथ कब बदल जाये कोई पता नहीं लगता। इसलिए किसी मुगलाते मे नहीं रहना चाहिए। तस्वीरों में देखिए। हमीरपुर के सांसद, पहली तस्वीर में (क्लोज अप) बिना बुके लिए माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत करने पहुंच गए, दूसरी तस्वीर (पहली तस्वीर का फुल वर्शन) सभी मुख्यमंत्री के लिए बुके लेकर खड़े हैं और तीसरी तस्वीर में माननीय मुख्यमंत्री और नादौन के हारे हुए विधायक को भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से लाद रखा है और सांसद महोदय को किसी ने पूछा तक नहीं है। यह तस्वीरें 15-20 मिनट के अंतराल की हैं और वो भी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की, यहां कल ही धूमल साहब के गृह क्षेत्र में उनकी फोटो हटा दी गई थी। आज से छ: साल पहले ही धूमल साहब की सरकार थी और सांसद महोदय अघोषित उप मुख्यमंत्री थे। आज से 10 महीने पहले धूमल साहब के आगे पीछे लोग मंत्री- संतरी बनने के लिए नाक तक रगड़ रहे थे और अब देखिए सांसद महोदय की ठसक। क्या वो आज भी मुख्यमंत्री महोदय को अपने पिता जी का एक विधायक समझते हैं ? और हमीरपुर की भाजपा उन्हें क्या समझती यह तस्वीरें सब कुछ व्यान कर रही हैं। माननीय मुख्यमंत्री प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तक रह चुके हैं पर सांसद महोदय अभी भी खुद को मुख्यमंत्री महोदय से बड़ा समझते हैं तभी उनके स्वागत में खड़े होने के बाबजूद मुख्यमंत्री महोदय के स्वागत लिए उनके पास फूलों का गुलदस्ता तक नहीं है। वो भी तब जब चुनाव सर पर है, उनके पिताश्री हार चुके हैं और इस वार मोदी लहर भी नहीं है। तो क्या उनकी झूठी ठसक उनका बोरिया बिस्तर समेटने का मुख्य कारण बनने जा रही है ? वक़्त का कोई पता नहीं होता और सत्ता...! यह तो किसी की भी सगी नहीं होती।

विनय शर्मा
लेखक : हिमाचल हाई कोर्ट शिमला में
अधिवक्ता हैं