हिमाचल न्यूज़ | नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद जो सरकार सत्ता में आती है उसको लायबिलिटी के रूप में कई खर्चे साथ में मिलते हैं जैसे डीए की किस्त हो या पेंशन की देनदारी हो। पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बार-बार 11000 करोड का राग गा रहे हैं और इसे कर्ज में जोड़ रहे है जो कि बिल्कुल गलत है। जब भाजपा भी सत्ता में आई थी तो हमें पूर्व कांग्रेस सरकार की लायबिलिटीज़ को देना पड़ा था जो हमने अदा किया था, शायद वर्तमान सरकार को यह सरल कैलकुलेशन समझ नहीं आ रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा बार-बार 11000 करोड़ के बारे में बात कर कांग्रेस सरकार इसको कर्ज के साथ ना जोड़े यह गलत परंपरा कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में शुरू कर रही है, सिर्फ केवल आंकड़ों के माया जाल से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि इस सरकार का अर्थशास्त्री कौन है, एडवाइजर कौन है जो इस प्रकार के सुझाव सरकार को दे रहा है। अर्थशास्त्री केवल आंकड़ों के साथ खिलवाड़ करने का कार्य कर रहा हैं, पर वो सच्चाई को छुपा नहीं सकती।
उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश पर कर्ज़ बड़ा है तो उसके कांग्रेस का सबसे बड़ा योगदान है, आज तक हिमाचल प्रदेश में 10 बार कांग्रेस की सरकार रही है और जब भी कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तो भाजपा की सरकार से 2 से 3 गुना अधिक कर्ज उन्होंने लिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में श्रीलंका जैसे हाल हो जाएंगे, अगर श्रीलंका जैसे हाल हो जाएंगे तो उसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार कांग्रेस है।
मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि मुझे 4 साल चाहिए इस प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए। पर 4 साल बाद तो जनता ही इस सरकार को रुखसत कर देगी।
कांग्रेस का 1895 करोड रुपए होगा हर गारंटी पर खर्च
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के वादे उन्होंने जनता से किए हैं जिसे वह 10 गारंटी के रूप में लाए थे उससे सालाना हजारों करोड़ों का खर्चा प्रदेश का बढ़ जाएगा और हिमाचल में विकास कार्य ठप हो जाएगा। प्रदेश में अगर हर महीने महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाएंगे तो सालाना खर्च सरकार का 1895 करोड रुपए होगा ऐसे ही हर गारंटी का लगभग इतना ही खर्च निकल कर सामने आएगा।
कांग्रेस सरकार अभी तक अपनी एक भी गारंटी को पूरा क्यों नहीं कर पाई है वह इसलिए क्योंकि उससे प्रदेश के ऊपर बहुत बड़ा वित्तीय संकट आ जाएगा। यह सच्चाई सभी सरकारी अधिकारियों को पता है, पर कुछ अधिकारी सरकार को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
संस्थान खोलने से बढ़ता है विकास लेकिन कांग्रेस ने बंद किए
उन्होंने कहा कि संस्थानों को चलाने के खर्च को भी कर्ज में जोड़ा जा रहा है यह कैलकुलेशन भी बिलकुल गलत है। संस्थान खोलाने से विकास बढ़ता है। अब तो 620 से अधिक संस्थान बंद कर दिए है। इन्हें बंद कर पैसा बचता नहीं है अपितु विकास बाधित होता है, यह कांग्रेस की सरकार को समझना चाहिए। कांग्रेस सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती है।
Posted By : Himachal News