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हिमाचल न्यूज़ | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर उन्हें भी जल उपकर को लेकर स्थिति स्पष्ट की। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने खट्टर को बताया कि हिमाचल प्रदेश ने जल पर नहीं, बल्कि प्रदेश में स्थापित 172 जल विद्युत प्रोजेक्टों के बिजली उत्पादन पर उपकर लगाया है। इससे हरियाणा को कोई नुकसान नहीं होगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ विभिन्न द्विपक्षीय मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने हरियाणा को हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं और ग्रीन हाइड्रोजन में निवेश करने का न्योता दिया और कहा कि जल उपकर के विषय में भ्रांतियों का निवारण ही आज की बैठक का उद्देश्य है।
जल उपकर के विषय में दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक में सार्थक चर्चा हुई। बैठक में रेणुका बांध परियोजन व हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड की संयुक्त किशाऊ जल विद्युत परियोजना पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदि बद्री परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में भी चर्चा की गई। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इन परियोजनाओं की कार्य प्रगति पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विभिन्न संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन में अनावश्यक देरी जहां एक ओर परियोजना की लागत को बढ़ाती है, वहीं परियोजना के लाभ देरी से मिलने से योजना का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के विषय में दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक कर भावी नीति निर्धारित करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जल विद्युत परियोजनाएं भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ पर्यावरण हितैषी भी हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निवेश को लेकर सार्थक विचार किया जाएगा। इस बैठक में अंतरराज्यीय सीमा पर भू-संबंधी विषयों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. कर्नल धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार, हरियाणा के ऊर्जा सचिव भी उपस्थित रहे।
Posted By: Himachal News
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