हिमाचल न्यूज़ ई पेपर पढने के लिए यहां Click करें
हिमाचल न्यूज़ | आनी खेती-बाड़ी को जिस तरह से आज के समय में घाटे का सौदा मानकर हजारों किसान खेती करना छोड़ रहे हैं वहीं आज के दौर में प्रगतिशील किसान कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही "प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान परियोजना" के अंतर्गत लाभ लेकर अपनी आय में इजाफा कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं राजेंद्र शर्मा विकासखंड निरमंड के ग्राम पंचायत राहनू के गांव सदावाहन में जो एक हेक्टेयर भूमि में सेब के पौधे लगाकर और उसमें मौसमी सब्जियां पैदा करके विकासखंड निरमंड के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं। राजेंद्र शर्मा ने यह कार्य मार्च 2020 में शुरू किया और वह हर साल अपने भूमि पर सफलतापूर्वक मौसमी सब्जियां भी पैदा कर रहे हैं।
सब्जियों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए गोबर गोमूत्र से तैयार की गई देसी सप्रे का उपयोग करते हैं जिसमें कि वह स्थानीय कड़वे पत्तों का उपयोग करते हैं।
कृषि विभाग आत्मा परियोजना के अधिकारी समय-समय पर आकर के उनके खेत में विजिट करते हैं। आत्मा परियोजना के परियोजना निदेशक बलबीर ठाकुर भी इनकी खेत में विजिट कर चुके और इनकी इस कार्य के लिए बहुत सराहना की।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान परियोजना के अंतर्गत उन्हें एक भारतीय नस्ल की गाय पर सब्सिडी दी गई है और एक संसाधन भंडार और गौशाला में गोमूत्र एकत्र करने के लिए पक्का फर्श पर भी सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा चुकी है।
खंड तकनीकी प्रबंधक संजय कुमार बताते हैं कि वह किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं और प्राकृतिक खेती की सभी पद्धतियों का उपयोग जैसे जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत, अच्छादन, वापसा पूरे सिद्धांतों का उपयोग करते हैं जिसका उन्हें पुरा लाभ मिल रहा है।और ये भी पढ़े: 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बनेगी दुनिया की सबसे ऊंची टनल
Posted By: HIMACHAL NEWS