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टांडा मेडिकल कॉलेज को जल्द मिलेगी दो रोबोटिक कैथलैब
हिमाचल न्यूज़ |हिमाचल सरकार ने जिला कांगड़ा के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में दो रोबोटिक कैथलैब स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस संबंध में कॉलेज प्रशासन को विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा गया है। रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर राज्य में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में यह पहला कदम है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाना में भी रोबोटिक सर्जरी सुविधाएं शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इन संस्थानों से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्राप्त हुई है, जिसकी विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है। इस उद्देश्य के लिए सैद्धांतिक रूप से 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और राज्य सरकार इसके लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान करेगी।
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार आधुनिक चिकित्सा तकनीक में निवेश करने की योजना बना रही है, जो दो उद्देश्यों की पूर्ति करेगी। प्रथम उद्देश्य के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य के लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नवीनतम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा प्रक्रियाओं के संचालन में रोबोटिक कैथलैब क्रांति ला सकती है।
क्या है कैथलैब
कैथलैब एक विशेष चिकित्सा सुविधा है, जो मुख्य रूप से कार्डियोलॉजी (हृदय रोग विज्ञान) के क्षेत्र में मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी के लिए इमेजिंग तकनीक का उपयोग करती है। कैथलैब में रोबोटिक तकनीक को शामिल कर सर्जरी के दौरान सटीकता और दक्षता में काफी वृद्धि की जा सकती है, जो रोगियों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों के लिए फायदेमंद होगी।
क्या है रोबोटिक सर्जरी?
मेडिकल सेक्टर में रोबोटिक सर्जरी की मदद से अब मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन किया जा रहा है। शरीर के कुछ ऐसे अंग होते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल और खतरनाक होता है। रोबोट से की जाने वाली सर्जरी की मदद से इन अंगों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। कैंसर जैसे खतरनाक रोग में भी यह सर्जरी कारगर है। रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर द्वारा प्रोग्राम किए गए रोबोट ऑपरेशन करते हैं। रोबोटिक सर्जरी में पूरा कंट्रोल एक कंप्यूटराइज्ड कंसोल पर बैठे सर्जन के हाथ में होता है। मरीज के शरीर में डाला गया एक स्पेशल कैमरा ऑपरेशन वाली जगह का एक 3D सीन दिखाता है। रोबोटिक डिवाइस में एक स्पेशल टेक्नोलॉजी होती है, जिसे 'एंडोवरिस्ट' कहा जाता है। ये टेक्नोल़जी डॉक्टर के हाथों की तुलना में ज्यादा स्पीड से काम करता है।
जानिए किन बीमारियों में की जाती है रोबोटिक सर्जरी?
जिन मरीजों को किडनी, प्रोस्टेट, इसोफैगस, लीवर, अंडाशय, गर्भाशय, बड़ी आंत और लिम्फ नोड्स के कैंसर होते हैं, उन्हें रोबोटिक सर्जरी की सलाह दी जाती है।
रोबोटिक सर्जरी के फायदे
रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान कट बहुत छोटा सा लगता है। यही वजह है कि सर्जरी का निशान शरीर पर बहुत छोटा होता है। डॉक्टर द्वारा की जाने वाली सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में रिकवरी तेजी से होती है और ब्लड लॉस भी काफी कम होता है।
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Posted By: HIMACHAL NEWS